लगता है जैसे एक अरसा हो गया चैनकी निंद सोये
अब तो सिर्फ़ खाली राते बाकी है बिना सपनोकी निंदोवाली
लगता है जैसे एक अरसा हो गया टूटके रोये हुए
अब तो सिर्फ़ खाली आंसु बेहते है बिना आवाजवाले
लगता है जैसे एक जमानासा हो गया खुलके मुस्कुराये हुए
अब तो सिर्फ़ छोटीसी मुस्कान बची है जमानेको दिखानेवाली
लगता है जैसे एक अरसा हो गया तुझे देखे हुए
अब तो सिर्फ़ तसवीरे बची है बिना एह्सासोवाली
लगता है जैसे एक पुरी उमर ही नीकल गयी तुझसे बात कीये
अब तो सिर्फ़ खयाल बाकी है तुझसे फ़िर कभी बात करनेवाला
लगता है जैसे एक पुरी जिंदगी ही चली गयी तुझसे मोहब्ब्त करके
अब तो सिर्फ़ तेरी यादें बची है तेरे बिनावाली
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