Tuesday 5 February 2019

एक अरसा तेरे बिना




लगता है जैसे एक अरसा हो गया चैनकी निंद सोये 
अब तो सिर्फ़ खाली राते बाकी है बिना सपनोकी निंदोवाली

लगता है जैसे एक अरसा हो गया टूटके रोये हुए 
अब तो सिर्फ़ खाली आंसु बेहते है बिना आवाजवाले

लगता है जैसे एक जमानासा हो गया खुलके मुस्कुराये हुए
अब तो सिर्फ़ छोटीसी मुस्कान बची है जमानेको दिखानेवाली

लगता है जैसे एक अरसा हो गया तुझे देखे हुए 
अब तो सिर्फ़ तसवीरे बची है बिना एह्सासोवाली

लगता है जैसे एक पुरी उमर ही नीकल गयी तुझसे बात कीये
अब तो सिर्फ़ खयाल बाकी है तुझसे फ़िर कभी बात करनेवाला

लगता है जैसे एक पुरी जिंदगी ही चली गयी तुझसे मोहब्ब्त करके
अब तो सिर्फ़ तेरी यादें बची है तेरे बिनावाली 

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